गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

किसान

बखत अइस भारत मा आवा किसान मरे जात हैं,
भीखियार होइगे नेता उई पिसान धरे जात है,
चकरबक्क होति खूब चउका औ चौपालन तक,
या चीखि औ पुकार सुनि लरिका डरे जात हैं,
जी आपन जी का मारि मारि देस का जियाएन है,
उई देस के किसान सब अध मरे हून जात हैं,
खेत खाली पेट खाली समुहे धरी छूँछी थाली,
गाँव छाँड़ि ज्वान सहरु नौकरी करै जात हैं,
गाँव मां रहै बाघु अस बोकरी सहरु कइ दीन्हेस,
तनखा मिली आखिरी मा भूखे पेट परै जात हैं,
महतारी सब जानि रही अजानि बनी रहति है,
दिल्ली मा हमार लरिका पेड़ ते मरै जात हैं।